नात: काबे की रौनक़ काबे का मंज़र अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर​

नात: काबे की रौनक़ काबे का मंज़र अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर​: नात: काबे की रौनक़ काबे का मंज़र अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर​, देखूँ तो देखे जाऊँ बराबर, अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर, हैरत से ख़ुद को कभी देखता हूँ और देखता ...